किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर ब्लड को साफ रखने व शरीर को सुचारू रूप से चलाने का काम करती है। मानव शरीर में दो किडनी होती है, इंसान एक किडनी के साथ भी जीवित रह सकता है,हम इस पोस्ट में किडनी के कार्य और किडनी ख़राब होने के लक्षण के बारे में बात करेंगे। व् किडनी के रोगो से कैसे बचा जा सकता है यह भी जानेंगे।
किडनी क्या है ?
प्रत्येक मानव शरीर में दो किडनी होती है जिसका आकार सेम के बीज के समान होता है । यह पेट के दोनों और स्थित होती है। किडनी का मुख्य कार्य ब्लड में से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे नाइट्रोजन युक्त अपशिष्ट पदार्थों को शरीर में से बाहर निकालने का काम करती है.
किडनी के कार्य –
1 किडनी हमारे शरीर से सभी विशाली विशाल पदार्थों को निकालने का कार्य करती हैं।
2 यह ब्लड को फिल्टर करने का काम करती हैं ।
3 यह यह ब्लड प्रेशर को नियमित रखती हैं।
4 किडनी किडनी सोडियम पोटेशियम के साथ -साथ एसिड बेस बैलेंस को भी कंट्रोल रखती है।
5 विटामिन डी का बनाना।
किडनी ख़राब होने के लक्षण –
आज कल का खानपान व वातावरण हमारी जीवन शैली को अत्यधिक प्रभावित करता है जिसकी वजह से पहले की अपेक्षा अधिक लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें से एक समस्या किडनी से संबंधित भी है। किडनी खराब होने के लक्षण पर्सन टू पर्सन वेरी करते हैं किडनी के ज्यादातर लक्षण सामान्य होते हैं। जिसकी वजह से लोगो को यह पहचानना मुश्किल होता है कि वह धीरे धीरे किडनी रिलेटेड प्रॉब्लम से ग्रसित होते जा रहा है। जब तक यह समस्या पूर्ण रूप से बढ़ नहीं जाती तब तक हम इसमें अंतर महसूस नहीं पर पाते। इसी वजह से इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप इन लक्षणों को समय से पहले शुरू में ही पहचान कर लेते हैं तो उसका इलाज और भी सरल हो जाता है। और आप किडनी फेलियर जैसी बड़ी बीमारी से बचाव कर सकते हैं।लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है।
1 पेशाब की मात्रा में कमी, व रुक -रुक कर आना और रंग में बदलाव होना।
2 पेशाब में ब्लड का आना व जलन महसूस करना।
3 पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन।
3 शरीर में थकावट व कमजोरी महसूस करना।
4 एक्सरसाइज के दौरान सांस फूलना या कुछ भारी एक्टिविटी करते हुए सांस का फूलना।
5 शरीर में एसिड की मात्रा का बढ़ जाना।
6 भूख का कम लगना।
7 हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना।
8 मांसपेशियों में ऐंठन एवं शरीर के निचले हिस्से कमर में दर्द ।
9 स्कीन मे सूखापन व खुजली का आना
10 नींद सही से ना आना
11 बार-बार बार-बार किडनी स्टोन का बनना।
किडनी के रोगो से कैसे बचा जा सकता हैं –
- किडनी के रोगो से बचने के लिए घर का बना हुआ पौष्टिक आहार ले
- मौसमी फलों का सेवन करें
- मल -मूत्र के वेग को न रोके
- कोल्ड ड्रिंक व शराब का सेवन ना करे।
- पानी का सेवन अधिक से अधिक करे।
- रोजाना एक घंटे वयायाम जरूर करे।
- ऋतु के अनुसार अपनी दिनचर्या का पालन करे।
- अपने भोजन में हरी सब्जियो की मात्रा बढ़ाये।
- बीड़ी सिगरेट का सेवन न करे।
- समय -समय पर किडनी और पुरे शरीर की जाँच कराते रहे।
आयुर्वेद ओषधि से किडनी रोगो से बचे ?
आयुर्वेद में दोषो के अनुसार इलाज किया जाता हे , किडनी की बीमारी के लिए भी आयुर्वेद में बहुत जड़ी बूटियों का वर्णन किया गया है,
आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार पुनर्नवा , गोक्षुर ,शिगरी व् चन्द्रप्रभा टेबलेट आदि बहुत सी ओषधि उपलब्ध है ,
नोट – आयुर्वेदिक व् अन्य दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करे और कोई भी समस्या होने पर किसी योग्य डॉक्टर से सलाह ले।